Wednesday, May 15th, 2024

12 प्रोफेसरों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट के पूर्व जज करेंगे पुर्नविचार

फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारी सात साल बाद हुआ बहाल

भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद मे नियुक्त किए गए प्रोफेसरों की जांच रिपोर्ट पर अब हाईकोर्ट के पूर्व जज से पुर्नविचार कर दोबारा रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इसके अलावा एसएटीआई के प्रोफेसर की डिग्री निरस्त कर दी गई है। हरभान सिंह सेंगर का निलंबन समाप्त कर दिया गया है।

बीयू की आज की कार्यपरिषद की बैठक बड़ी ही खास रही है। बैठक में एक दर्जन प्रोफेसरों की नियुक्ति में काफी राहत की खबर हो सकती है। क्योंकि अभय कुमार गोहित की जांच रिपार्ट में काफी विरोधाभास था। इसलिए बैठक में निर्णय लिया गया है कि रिपोर्ट को स्पष्ट करने के लिए हाईकोर्ट के पूर्व जज से पुर्नविचार कर रिपोर्ट तैयार कराई जाए, जिसके बाद उक्त प्रोफेसरों की नियिमतीकरण और बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

एसएटीआई प्रो चौहान की डिग्री होगी निरस्त
एसएटीआई विदिशा के प्रोफेसर जर्नदन सिंह चौहान ने एक ही समय में काफी डिग्री की हैं। इसलिए उनके खिलाफ जांच रिपोर्ट में उनकी डिग्री को निरस्त करने की अनुशंसा को मान्य कर दिया गया है। अब प्रो. सिंह की डिग्री को निरस्त किया जाएगा। वहीं बीयू कर्मचारियों को गोपनीय के अलावा अन्य कार्यों में दिए जाने वाले मानदेय को स्वीकृत कर लिया गया है। बीयू उन्हें एक करोड़ 11 लाख रुपए का भुगतान करेगा। छिंदवाडा कुलपति एमके श्रीवास्तव की पत्नी माया श्रीवास्तव की पेंशन और भविष्य निधि को लेकर की जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। महू विवि की कुलपति आशा शुक्ला के खिलाफ आधी आधूरी जानकारी के मुताबिक प्रकरण नियुक्ति को लेकर मुद्दा रखा गया था। इसलिए ईसी सदस्यों ने आगामी बैठक में निर्णय लेने के लिए कहा है। इस दौरान उनके लिए अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

सात साल बाद हरभान हुए बहाल
मानसरोवर, चिरायु एलएन मेडिकल कालेज के विद्यार्थियों को फर्जीवाड़ा कर नंबर देने के करण एसटीएफ ने प्रकरण दर्ज किया था, जिसके चलते उन्हें चार अक्टूबर 2013 में निलंबित किया गया था। ईसी सदस्यों ने उन्हें बहाल करने की स्वीकृति दे दी है, लेकिन उनकी पदस्थापना सत्यभवन में नहीं होगी। उन्हें बीयू में संचालित विभागों में पदस्थ किया जाएगा। इसके अलावा किताबों की खरीदी, यूआईटी में इन्क्युबेशन सेंटर के लिए ईसी में सहमति बन गई है। डिग्री के लिए निकाले गए टेंडर को निरस्त कर दिया गया है। अब नये सिरे से डिग्री फार्मेट के प्रकाशन के लिए दोबारा टेंडर बुलाए जाएंगे। उत्तरपुस्तिाकाओं की कोडिंग और डिकोडिंग करने वाले कर्मचारियों को रखा जाएगा। उनके खिलाफ कोई शिकायत आती है, तो उसकी जांच करने के बाद उन्हें पदस्थ किया जाएगा।

केबी पंडा बने रैक्टर
मुरलीधर तिवारी को धारा 52 लगाने के बाद बीयू में रैक्टर का पद रिक्त हो गया था। करीब चार साल पद रिक्त रहने के बाद बीयु कुलपति ने रैक्टर के लिए भाषा विभाग के एचओडी डॉ. केबी पंडा का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी सदस्यों ने मान्य कर लिया है। अब बीयू में रैक्टर के रुप में एचओडी पदस्थ पदस्थ रहेंगे। इस संबंध में राजभवन पत्र भेजा जाएगा। जहां से नियुक्ति आदेश जारी होगा।

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